प्रो. (डॉ.) रेखा सेठी
लेखक | अनुवादक | संपादक

प्रो. रेखा सेठी, दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ कॉलेज की कार्यकारी प्राचार्यउप-प्राचार्य रही हैं। वे पिछले तीन दशकों से अध्यापन में सक्रिय हैं। साथ ही वे प्रतिष्ठित आलोचक संपादक तथा अनुवादक हैं। उन्होंने अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में, विशेष रूप से यूरोप और अमेरिका में शोध-पत्र प्रस्तुत किए हैं। वर्ष 2023 में उन्हें एक सप्ताह के लिए अमेरिका स्थित ड्यूक विश्वविद्यालय में आमंत्रित किया गया। वे वातायन यूके की ऑनलाइन शृंखला ‘स्मृति और संवाद’ की अध्यक्ष हैं और 2023 में उन्हें ‘वातायन अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सम्मान’ से सम्मानित किया गया।

प्रो. (डॉ.) रेखा सेठी
लेखक | अनुवादक | संपादक

प्रो. रेखा सेठी, दिल्ली विश्वविद्यालय के इंद्रप्रस्थ कॉलेज की कार्यकारी प्राचार्यउप-प्राचार्य रही हैं। वे पिछले तीन दशकों से अध्यापन में सक्रिय हैं। साथ ही वे प्रतिष्ठित आलोचक संपादक तथा अनुवादक हैं। उन्होंने अनेक राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में, विशेष रूप से यूरोप और अमेरिका में शोध-पत्र प्रस्तुत किए हैं। वर्ष 2023 में उन्हें एक सप्ताह के लिए अमेरिका स्थित ड्यूक विश्वविद्यालय में आमंत्रित किया गया। वे वातायन यूके की ऑनलाइन शृंखला ‘स्मृति और संवाद’ की अध्यक्ष हैं और 2023 में उन्हें ‘वातायन अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सम्मान’ से सम्मानित किया गया।

“A discerning critic Rekha Sethi explores how various hues of feminine sensibility have been put into words by prominent Hindi poetesses. In her, astutely written book Stri Kavita: Paksh aur Pariprekshya, Rekha tries to spell out the contours of the contemporary Hindi feminist poetry with the mark sense of critical acuity. Perhaps, it is the first profound effort to explicate a credible feminist literary poetics in the Indian context with the marked sense of critical penetration and Rekha Sethi deserves accolades.”

– Shafey Kidwai

“आलोचक और संपादक डॉ. रेखा सेठी के अध्ययन क्षेत्रों में मीडिया, जेंडर की अवधारणा और समाजशास्त्र आते हैं। उन्होंने साहित्य की ढेरों विमर्शमूलक कृतियाँ संपादित की हैं जिनमें प्रेमचंद, हरिशंकर परसाई, बालमुकुंद गुप्त और कुँवर नारायण के रचना संसार प्रमुख रहे हैं। समकालीन हिंदी कविता में स्त्री कविता के स्वर को गंभीरता से मूल्यांकन करने के जतन में उन्होंने प्रमुख स्त्री कवियों के लेखन और उनके रचनाकर्म का आधुनिक उदारवादी दृष्टि से मूल्यांकन किया है जो अपनी अकादमिक क्षमता में भी बेहद मूल्यवान है।”

– यतींद्र मिश्र

Vatayan Anatarrashtriya Shiksha Samman UK 2023.

उन्हें वातायन अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सम्मान यूके 2023 से सम्मानित किया गया है।

पुस्तकें

प्रो. रेखा सेठी का लेखन मूलत: समकालीन हिंदी कविता तथा कहानी के विशेष आलोचनात्मक अध्ययन पर केंद्रित है। रचना के मर्म तक पहुँचकर उसके संवेदनात्मक आयामों की पहचान करना उनकी आलोचना का उद्देश्य है। मीडिया अध्ययन, जेंडर की अवधारणा और उसकी सामाजिक अभिव्यक्ति के अध्ययन की विविध दिशाओं में भी उनकी गहरी दिलचस्पी है। स्त्री-कविता पर उनकी दो पुस्तकें प्रकाशित हैं, जिनमें उन्होंने स्त्री रचनाकारों की कविताओं के माध्यम से साहित्य एवं जेंडर के अंतर्संबंधों को समझने की कोशिश की है। उनकी विज्ञापन संबंधी पुस्तकें विज्ञापन की अवधारणा, निर्माण, भाषा और उसके सामाजिक प्रभाव पर प्रकाश डालती हैं।

अधिक पढ़ने के लिए किसी भी पुस्तक पर क्लिक करें।

अंतरराष्ट्रीय सहयोग

डॉ. रेखा सेठी ने भारतीय साहित्य को विभिन्न विदेशी विश्वविद्यालयों तक ले जाने के लिए कई अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा दिया। उन्होंने विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित करने के लिए लिस्बन विश्वविद्यालय, प्रिंसटन विश्वविद्यालय और ड्यूक विश्वविद्यालय के साथ सहयोग किया।

अनुवाद

प्रो. रेखा सेठी अनुवाद और अनुवाद अध्ययन के क्षेत्र में अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं में रिसोर्स पर्सन रही हैं। उन्होंने के. सच्चिदानंदन, लक्ष्मी कण्णन, संजुक्ता दासगुप्ता, ममंग देई समेत अनेक प्रख्यात कवियों का अनुवाद किया है। उनके द्वारा अनूदित सुकृता पॉल कुमार की अँग्रेज़ी कविताओं का हिंदी अनुवाद ‘समय की कसक’ शीर्षक से पुस्तकाकार प्रकाशित है। वे कथा-इग्नू के प्रोजेक्ट ‘ट्रांसलेटिंग इंडिया/अंडरस्टैंडिंग डायवर्सिटी’ से जुड़ी रही हैं। साहित्य अकादमी द्वारा हिंदी के लिए दिए जाने वाले अनुवाद पुरस्कार 2022 के निर्णायक मंडल के सदस्य के रूप में भी उन्होंने योगदान दिया। अनुवाद की प्रक्रिया तथा सैद्धांतिकी को केंद्रित कर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं।

अनुवाद

प्रो. रेखा सेठी अनुवाद और अनुवाद अध्ययन के क्षेत्र में अनेक प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कार्यशालाओं में रिसोर्स पर्सन रही हैं। उन्होंने के. सच्चिदानंदन, लक्ष्मी कण्णन, संजुक्ता दासगुप्ता, ममंग देई समेत अनेक प्रख्यात कवियों का अनुवाद किया है। उनके द्वारा अनूदित सुकृता पॉल कुमार की अँग्रेज़ी कविताओं का हिंदी अनुवाद ‘समय की कसक’ शीर्षक से पुस्तकाकार प्रकाशित है। वे कथा-इग्नू के प्रोजेक्ट ‘ट्रांसलेटिंग इंडिया/अंडरस्टैंडिंग डायवर्सिटी’ से जुड़ी रही हैं। साहित्य अकादमी द्वारा हिंदी के लिए दिए जाने वाले अनुवाद पुरस्कार 2022 के निर्णायक मंडल के सदस्य के रूप में भी उन्होंने योगदान दिया। अनुवाद की प्रक्रिया तथा सैद्धांतिकी को केंद्रित कर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई शोध पत्र प्रस्तुत किए हैं।

BOOK: SAMAY KI KASAK

“सुकृता की कविताओं में संवेदना का घनत्व हमेशा आकर्षित करता है। देश-देशांतर में घूमते हुए कई चीज़ें उनका ध्यान खींच लेती हैं। चाहे वह पगोडा के मंदिर हों, हनोई के मिथक, एलोरा की गुफ़ाएँ या औरंगाबाद का शूलीभंजन मंदिर। कवयित्री उन्हें ऐसे शब्द-बद्ध करती हैं कि चित्र खिंच जाते हैं, बिंब उभर आते हैं…सुकृता स्वयं चित्रकार भी हैं। चित्रों की ही तरह यहाँ भी कवयित्री की निगाह हर छोटी-बड़ी बारीकी पर जाती है। शब्दों और रंगों के अलग-अलग बिंब, उनकी रचनाधर्मिता को पूरा करते हैं।”

रचने की प्रक्रिया में
मैं, हरदम अपने से आगे ही रहती हूँ
पीछे मुड़कर देखने को कुछ भी नहीं
बाकी बचे वक़्त में
मैं, अपना ही पीछा करती हूँ
आगे देखने को कुछ भी नहीं
मुद्दा सिर्फ़
क़दमताल बनाये रखने का है…

OTHER TRANSLATIONS
  • सेठी, रेखा (2023). ममंग देई. वागर्थ. शम्भूनाथ. (सं.) मार्च, 2023, वॉल्यूम। 403, 59-62. आईएसएसएन: 2394-1723
  • सेठी, रेखा (2022). नीलेश रघुवंशी. भारतीय साहित्य (सं) सुकृता पॉल कुमार क्रमांक 328: मार्च-अप्रैल 2022, खंड LXVI क्रमांक 2 पंजीयन क्रमांक 790/57
  • सेठी, रेखा (2022). प्रिया सरुक्कई चबरिया कविता। Shabdankan.com. तिवारी. बी.एस. (सं.) देखने के लिए यहाँ क्लिक करें।
  • सेठी, रेखा (2021). मलयालम कविताएँ: के.सच्चिदानंदन.वागर्थ। शंभूनाथ. (सं.) दिसंबर, 2021, वॉल्यूम। 313, 60-62. आईएसएसएन: 2394-1723
  • सेठी, रेखा (2021). लक्ष्मी कानन की कविताएँ। समकालीन भारतीय साहित्य. सितंबर-अक्टूबर, 2021, वॉल्यूम। 217, 56-57. आईएसएसएन: 0970-8367
  • सेठी, रेखा (2021). तिशानी दोशी की कविताएँ। देव. ए. (सं.). देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2020). कोरोना के समय में गंगा से बातें। रंजन प्रभात (सं.). देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2020). संजुक्ता दासगुप्ता की कविताएँ देव। ए. (सं.). देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2019). सुकृता पॉल कुमार की कविताओं का अनुवाद.समकालीन भारतीय साहित्य। त्रिपाठी. ब्रजेन्द्र. (सं.) वॉल्यूम. 203/मई-जून, 2019 पृष्ठ 118-123। आईएसएसएन: 0970-8367.
  • सेठी, रेखा (2018). सुकृता पॉल कुमार की कविताओं का अनुवाद। नया ज्ञानोदय. मंडलोई लीलाधर (सं.) अगस्त, 2018 पृष्ठ 40-41. आईएसएसएन: 2278-2184.
  • सेठी, रेखा (2018). रेजिस्तान में ओस की एक बूंद: अफगानिस्तान में कविता। नया ज्ञानोदय. मंडलोई लीलाधर (सं.) अप्रैल, 2018 पृष्ठ 35-38. आईएसएसएन: 2278-2184.
  • सेठी, रेखा (2017). सुकृता पॉल कुमार की कविताओं का अनुवाद। वाक. पचौरी. सुधीश (सं.) जून, 2017 पृष्ठ 38-44। आईएसएसएन: 2320-818X
  • सेठी, रेखा (2015). ममंग दाई की कविताएँ। युध्रदत्त आम आदमी. गुप्ता. रमणिका (सं.) पृष्ठ 33. आईएसएसएन: 2320-0359.
  • सेठी, रेखा (2019). चयनित हिंदी लघुकथाओं में चित्रा मुद्गल द्वारा लिखित एक लघुकथा का हथियार-अनुवाद: सराफ बी.एम. (प्रथम संस्करण)। नई दिल्ली, भारत: साहित्य अकादमी, आईएसबीएन नंबर 978-93-89467-29-1

अनुसंधान

प्रो. रेखा सेठी एक गंभीर अध्येता, शोधकर्ता व शोध निर्देशक हैं। पुस्तकों के अतिरिक्त उनके प्रकाशित शोध-पत्रों, साहित्यिक आलेखों आदि की संख्या 100 से अधिक है।

उनके लिखे लेख व पुस्तक समीक्षाएँ ‘जनसत्ता’, ‘नया ज्ञानोदय’, ‘पूर्वाग्रह’, ‘संवेद’, ‘हंस’, ‘The Book Review’, ‘Indian Literature’ आदि पत्र-पत्रिकाओं में छपते रहे हैं।

उन्होंने अमरीका स्थित भारतीय काउंसलावास, ‘रट्गर्स तथा ड्यूक विश्वविद्यालय’, लंदन स्थित ‘ऑक्सफोर्ड बिज़नेस कॉलेज तथा इम्पीरियल कॉलेज’, एवं यूरोप में बुल्गारिया के ‘सोफिया विश्वविद्यालय’ और पुर्तगाल के ‘लिस्बन विश्वविद्यालय’, में हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शोध-पत्र प्रस्तुत किए हैं।

अनुसंधान

प्रो. रेखा सेठी एक गंभीर अध्येता, शोधकर्ता व शोध निर्देशक हैं। पुस्तकों के अतिरिक्त उनके प्रकाशित शोध-पत्रों, साहित्यिक आलेखों आदि की संख्या 100 से अधिक है।

उनके लिखे लेख व पुस्तक समीक्षाएँ ‘जनसत्ता’, ‘नया ज्ञानोदय’, ‘पूर्वाग्रह’, ‘संवेद’, ‘हंस’, ‘The Book Review’, ‘Indian Literature’ आदि पत्र-पत्रिकाओं में छपते रहे हैं।

उन्होंने अमरीका स्थित भारतीय काउंसलावास, ‘रट्गर्स तथा ड्यूक विश्वविद्यालय’, लंदन स्थित ‘ऑक्सफोर्ड बिज़नेस कॉलेज तथा इम्पीरियल कॉलेज’, एवं यूरोप में बुल्गारिया के ‘सोफिया विश्वविद्यालय’ और पुर्तगाल के ‘लिस्बन विश्वविद्यालय’, में हुए अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शोध-पत्र प्रस्तुत किए हैं।

RESEARCH PAPERS PUBLISHED
  • सेठी, रेखा (2023). परसाई का लेखन. बनास जन, पल्लव (सं.) वॉल्यूम 62/15, 291-295। आईएसएसएनः 2231-6558.
  • सेठी, रेखा (2022). मृणाल पांडे: स्त्री चिंतन और राजनीति अभिव्यक्ति। बनास जन, पल्लव (सं.) वॉल्यूम। 50/13, 339-344. आईएसएसएनः 2231-6558.
  • सेठी, रेखा (2022). मुक्त स्त्री का अनुभव संसार. जन विकल्प, पी.रवि (सं.) वॉल्यूम। 14-15, 191-197. आईएसएसएन: 2231-619.
  • सेठी, रेखा (2021). अनामिका की कविता: लोक संवेदना का मानवीय राग। सखी, सदानंद शाही (सं.) वॉल्यूम. 34, 135-147. आईएसएसएन: 2231-5187.
  • सेठी, रेखा (2021)। स्त्री कविता का पॉलिटिकल और कात्यायनी की कविताएँ.बनास जन, पल्लव (सं.) वॉल्यूम 44/13, 96-107. (प्रकाशनाधीन) आईएसएसएनः 2231-6558.
  • सेठी, रेखा (2020)। स्त्री रचनाशील और स्त्री आलोचना। हंस, सहाय. संजय (सं.) जुलाई, 2020, वॉल्यूम। 405/34/12, 60-64. आईएसएसएन: 2454-4450.
  • सेठी, रेखा (2019). हिंदी कविता का स्त्री स्वर. आजकल, रेणु राकेश (सं.) मार्च, 2019 (74/11) पृष्ठ 9-10,41। आईएसएसएन: 0971-8478.
  • सेठी, रेखा (2020). विज्ञापन की भाषा बनाम साहित्यिक भाषा, साहित्यकुँज.घई, सुमन (सं.) आईएसएसएन: 2292-9754. देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2018)। इंदु जैन – मेधा और सृजन का योग। Sahityakunj.net घई, सुमन (सं.) आईएसएसएन: 2292-9754. देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2018). कुँवर नारायण: मनुष्यत्व की परिष्कार की साधना। आजकल, रेणु राकेश (सं.) जनवरी, 2018 (73/9), पृष्ठ 44-46. आईएसएसएन: 0971-8478.
  • सेठी, रेखा (2018) भूमंडलीकृत बाजार और भाषाएँ.Sahityakunj.net घई. सुमन (सं.) आईएसएसएन: 2292-9754। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2018) भूमंडलीकरण, प्रौद्योगिकी और भाषा। Sahityakunj.net घई सुमन (सं.) आईएसएसएन: 2292-9754. देखने के लिए यहाँं क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2017). The Feminist Voices from the Margins of Caste and Class: In the Context of Contemporary Hindi Poetry. The International Journal of Civic, Political and Community Studies. वॉल्यूम 15/2, 25-34. आईएसएसएन: – 2327-0047 (प्रिंट) 2327-2155 (ऑनलाइन) स्कोपस अनुक्रमित एच-इंडेक्स 3. प्रभाव कारक एसजेआर स्कोर: 0.1.
  • सेठी, रेखा (2017) स्त्री कविता: स्त्री पक्ष और उसके पार। (भाग – पहला) Streekal.com. चंदन. एस.(सं.) आईएसएसएन: 2394-093X देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2017) स्त्री कविता और जेंडर। (भाग 2) Streekal.com. चंदन संजीव (सं.) आईएसएसएन:2394-093X देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2017)। निर्मला पुतुल की कविताएँ: आदिवासी पीड़ा और प्रतिरोध का काव्य संसार। Streekaal.com. चंदन. संजीव (सं.) आईएसएसएन:2394-093X देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2016). सुशीला टाकभौरे की कविताओं में दलित और स्त्री के प्रश्न। Streekal.com. चंदन. संजीव (सं.) आईएसएसएन: 2394093एक्स। देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2016). वारेन हेस्टिंग्स का सांड: उत्तर औपनिवेशिक समय का ऐतिहासिक पाठ। Streekal.com. चंदन. संजीव (सं.) आईएसएसएन: 2394-093X देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2008) यथार्थ का प्रतिपक्ष (उदय प्रकाश की कहानियों पर)। सामवेद अंक 17, कालजयी किशन (सं.) पृष्ठ 57-68. आईएसएसएन: 2231-3885.
  • सेठी, रेखा (2008)। व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता के पक्ष में खड़ा साहित्य। सामयिक मीमांसा. मिश्रा, वी. (सं.) वॉल्यूम। नंबर 3. पृष्ठ 26-29. आरएनआई: 25914/2008.
  • सेठी, रेखा (1992) कृष्णा सोबती का मित्रो मरजानी.पर्सपेक्टिवस ।(जानकी देवी मेमोरियल कॉलेज जर्नल)। मदन. वंदना एवं अन्य (सं.) पृष्ठ. 117-122.
ARTICLES IN LITERARY JOURNALS
  • सेठी, रेखा (2023). क़ुर्रतुलऐन हैदर को याद करते हुए। आजकल. रेणु राकेश (सं.) मार्च 2023, वॉल्यूम। 78/11/932, 10-12. आईएसएसएन: 0971-8478.
  • सेठी, रेखा (2022). अनामिका का स्त्री पक्ष. सामवेद, कालजयी। के. (सं.) फरवरी 2022, वॉल्यूम। 125, 30-34. आईएसएसएन: 2231-3885.
  • सेठी, रेखा (2022). अनुपस्थिति के उपरांत। हंस. अरोरा. एस. (सं.) जनवरी, 2022, वॉल्यूम. 423/36/6, 150-154. आईएसएसएन: 2454-4450
  • सेठी, रेखा (2021). युवा स्वप्न, नई संभावनाएँ। परिंदे. राय. आर. (सं.) अगस्त-सितंबर, 2021, वॉल्यूम। 3, 101-107. आईएसएसएन: 2347-6613
  • कुमार, एस., और सेठी, रेखा (2021). The Changing Dynamics of Values – Modern Hindi and Urdu Literatures. म्यूज़ इंडिया. देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2021). संरक्षक में माइकल मधुसूदन दत्त. समलोचन, देव. ए. (सं.) देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2021)। अनामिका: कविता का मानवी राग. समलोचन.देव अरुण (सं.). देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2021) How the poetry of Anamika, winner of Sahitya Akademi Award challenges patriarchy. देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2021). कृष्णा सोबती: भाषा का जनतंत्र। सबद निरंतर, सिंह राकेश कुमार (सं.),1(1), पृष्ठ. 202-206. आईएसएसएन:1694-2477
  • सेठी, रेखा (2020)। प्रवासी लेखन का असमंजस और सुषम बेदी का साहित्य। विश्व हिंदी पत्रिका, मिश्र। विनोद कुमार (सं.) वॉल्यूम. 12, 202-206. आईएसएसएन: 1694-2477
  • सेठी, रेखा (2020) पहलवान की ढोलक: प्राणों की धमाक। सामवेद, कालजयी के. (सं.) वॉल्यूम. 13/3, 296-299. आईएसएसएन: 2231-3885
  • सेठी, रेखा (2020)। दलित साहित्य का सौंदर्यशास्त्र: कुछ विचार, साहित्यकुंज.घई सुमन (सं.) आईएसएसएन: 2292-9754 देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2020). कुँवर नारायण: कुमारजीव, स्मृति और संवाद। समलोचन देव, ए. (सं.) देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2020). सुषम बेदी का जाना. हंस. सहाय, संजय (सं.) मई, 2020, वॉल्यूम. 403/34/10, 13-16. आईएसएसएन: 2454-4450
  • सेठी, रेखा (2020)। सुषम बेदी की कहानी कला: मानवीय संवेदना का अछूता ग्राफ। साहित्यकुंज.घई सुमन(सं.) आईएसएसएन:- 2292-9754 देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2019). कृष्णा सोबती: लेखन और नारीवाद। समलोचन देव. ए. (सं.) देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2019). स्त्री चिंतन की चुनौतियाँ। समलोचन, देव. ए. (सं.). देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2018) अंधेरी दरारों में सोए आलोक पिंडों की परछाइयाँ। हंस, सहाय, संजय (सं.) मार्च, 2018. पृष्ठ 79-81. आईएसएसएन: 2454-4450
  • सेठी, रेखा (2017) परिवेश की तर्कहीनता में। पाखी, भारद्वाज प्रेम (सं.) नवंबर-दिसंबर, 2017. पृष्ठ 76-78.
  • सेठी, रेखा (2017) स्वयं प्रकाश की कहानियाँ। चौपाल सिंह के. पी.(सं.) जनवरी-जून, 2017, 7(4) पृष्ठ 38-44. आईएसएसएन: 2348-3466.
  • सेठी, रेखा (2015). हिंदी की वैश्विकता। साक्षात्कार. सिन्हा आनंद (सं.) वॉल्यूम. 429-428. पृष्ठ 30-35. आरएनआई: 30993/76.
  • सेठी, रेखा (2015)। रंग रेखाओं में ढली कविता Streekal.com चंदन. संजीव (सं.) आईएसएसएन: 2394-093X देखने के लिए यहाँ क्लिक करें
  • सेठी, रेखा (2010) Transcending Boundaries. Indian Literature, सच्चिदानंदन। के. (सं.) वॉल्यूम. 256. मार्च-अप्रैल, 2010. पृष्ठ 220-224. आईएसएसएन: 0019-5804.
  • सेठी, रेखा (2007) इंदु जैन: जैसा मैंने उन्हें जाना। संचेतना. 181(37/3) सिंह. महीप (सं.) सितंबर 2007 पृष्ठ 15-18.
  • सेठी, रेखा (2007). अँधेरे से सना आलोक. हंस.यादव, आर. (सं.) मई, 2007। पृष्ठ 94-95. आईएसएसएन: 2454-4450.

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